तब्दीली | शब्द मंथन 1 | प्यार पर कविता

शंकर देव तिवारी जी की रचना । Shankar Dev Tiwari ji ki Rachna

तब्दीली | शब्द मंथन1 | कवि शंकर देव तिवारी जी की कविता | प्यार पर कविता

संक्षिप्त परिचय : प्रेम में अपनी भावनाएँ यदि कोई व्यक्त ना कर पाए, तो कैसा लगता है? कुछ ऐसी ही बात समझा रहे हैं कवि शंकर देव तिवारी जी अपनी प्यार पर कविता ‘तब्दीली’ में।

दर्द समझ के भी न बोले
उत्तर था जिसे प्रश्न बोले
फायदा रहा क्या जो बोले
पढ़े लिखे कैसे जो प्रश्न बोले

अधरों को जिसने छुवा अधरों से
भरा बाहों में जिसने खुद आहोश में
कैसे तोहमत लगाऊं उस पर बोलो
जिसने आहों को भूला हो वाहों में

तनिक तो सच बोलो
प्यार है हुआ ये बोलो
कैसे रहा जाए अकेले
सोच के जरा फिर बोलो

माना मांग न भर पाऊंगा
मगर आह तो भर सकता
हिचकी आएगी जब तब
नाम ले जी तो भर सकता

अंधा होके नहीं देखता
आंखें हैं बन्द कर देखता
आत्मा से आत्मा के हैं
दरवाजे दिल के पर देखता

लिखने की जो कही
सचमुच आवाज सही
दिखने वाला नाता नहीं
अंतरमन से परिपूर्ण सही

नदियाँ नाले और तिलंगे
इनका संगम हो सकता है
देव कामनी हैं बहुरंगे ऐसे
इनका कोप बहल सकता है

और सुनाओ दिल वर
कैसे भूलने की सोची
मुझसे कहके भूल जाओ
खुद याद करने की सोची

मैं आदमी नहीं सही
इंसान रह न सका कहीं
पर बोल तो रहा देव सही
तुम्हारा हुआ अब रहे कहीं

जंगली आवारा गंवार सही
पागल दीवाना लफ्फाज सही
है जो दिल में वही लवों पर
अंतर मान निकाला कैसे सही

शंकर देव तिवारी



कैसी लगी आपको प्यार पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।


शंकर देव तिवारी जी के बारे में और जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।



पढ़िए उनकी एक और कविता यहाँ:

शब्द मंथन 1 – मंगलम


पढ़िए प्रेम पर ऐसी और कविताएँ :-

  • दिल कागज पर लिख लाया है: कभी अगर आपका दिल आपसे कुछ कहना चाहे, तो वो क्या कहेगा? कुछ ऐसे ही सवाल का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं कवि अपनी कविता ‘दिल कागज पर लिख लाया है’ के माध्यम से।
  • ऐ दिल तू ज़रा सी खुशी ढूंढ ले: इस सुंदर हिंदी कविता के ज़रिए कवयित्री गुंजन सिंह खुश रहने की प्रेरणा दे रही हैं। कई बार ऐसा हो जाता है कि लगता है अब ज़िंदगी में खुश होने की वजह नहीं हैं – उन पलों का ज़िक्र करती हुई यह हिंदी कविता ।
  • मन: यह कविता जीवन में मन की विभिन्न अटखेलियों का सुंदरता से वर्णन करती है। यह हिंदी कविता लिखी है डॉ भावना शर्मा ने। 

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2 thoughts on “

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    1. storiesdilse.in से जुड़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙂 🙂

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