डॉ विजय कुमार मिश्र लेखक व रचनाकार हैं तथा हरिद्वार में निवास करते हैं।
पढ़िए उनकी कविता:
- आओ मिल नववर्ष मनाए: नववर्ष के उपलक्ष्य में सब के लिए शुभ और लाभ की कामना लिए है डॉ. विजय कुमार मिश्र की यह नववर्ष पर कविता ।
- मानव देह | भक्ति रस पर कविता: मानव इस सृष्टि का एक बुद्धिमान प्राणी है। इसी बुद्धि के सहारे वह अपने जीवन को कई तरह से संवार सकता है। अगर वही मानव भक्ति से खुद को संवारने की कोशिश करे तो? जानने के लिए पढ़िए भक्ति रस पर यह कविता ।
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