कृषि कानून | हिंदी कविता

योगेश नारायण दीक्षित की कविता

कृषि कानून| योगेश नारायण दीक्षित की कविता

संक्षिप्त परिचय : आज भारत में कई किसान कृषि क़ानून का विरोध कर रहे हैं। आज के इसी माहौल पर कुछ अनोखे ढंग से प्रकाश डालती योगेश नारायण दीक्षित जी की यह कविता ।

आज तुम ये पूछोगे नहीं, हमारी नींद क्यों उड़ी है
सवाल भी नहीं करोगे कि दीवार क्यों बन गया हूं।

पर, मैं तुम्हारे पूछे बिना हर सवाल का जवाब दूंगा
तुमसे मिलने की उत्कट इच्छा का कारण बताऊंगा।

कोई कृषि विधेयक थोड़े हूं, जो जल्दी में पास हो जाऊं
प्रेम किया है, हर परीक्षा देकर तुम्हारे निकट आऊंगा।

बस, इस धुंध के छंटने का थोड़ा इंतजार तो कर लो
फिर तुम चांदनी सी बिखरना, मै चांद बन दिखाऊंगा।


कैसी लगी आपको यह कृषि पर कविता? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
कविता के लेखक योगेश नारायण दीक्षित जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए योगेश नारायण दीक्षित जी की और कविताएँ:

  • देर नहीं लगती: इस जीवन में हम अलग अलग तरह के लोगों से मिलते हैं और बात करते हैं। कभी कहीं सच देखते और सुनते हैं और कहीं झूठ। ऐसे ही जीवन के सच और झूठ पर यह कविता।
  • दिल कागज पर लिख लाया है: कभी अगर आपका दिल आपसे कुछ कहना चाहे, तो वो क्या कहेगा? कुछ ऐसे ही सवाल का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं कवि अपनी कविता ‘दिल कागज पर लिख लाया है’ के माध्यम से।
  • इतना कैसे कर लेते हो : योगेश नारायण दीक्षित जी की जीवन पर यह कविता, जीवन के कुछ अजीब तथ्यों को सरलता से प्रस्तुत करती है।
  • लॉकडाउन आदमीयोगेश नारायण दीक्षित जी यह कविता लॉकडाउन में भारत के एक आम आदमी की लॉकडाउन में हो रही हालत को बयाँ करती है|
  • योगेश #दोलाईना #यूंही : योगेश नारायण दीक्षित जी यह कविता बदलती दुनिया में बदलते लोगों पर गौर करती है।

पढ़िए कृषि और किसान पर और कविताएँ:

  • ये कौन किसान है..!!!: कृषि बिल पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। यह कविता उसी आंदोलन पर तथा उस आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसानों पर है।
  • किसान: किसान एक देश के आधार से कम नहीं होते क्योंकि उनके द्वारा पैदा की गयी फसल ही उस देश की पूरी जनता खाती है। आज किसान परेशान हैं, उनकी इन हालातों पर है यह छोटी सी कविता जिसे लिखा है अंकिता असरानी ने।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: sippakorn yamkasikorn

 916 total views

Share on:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *