खामोश घड़ी | हिंदी कविता

उम्मेद सिंह सोलंकी "आदित्य" की कविता | A poem in Hindi

खामोश घड़ी | हिंदी कविता | उम्मेद सिंह सोलंकी "आदित्य" की कविता | A poem in Hindi

संक्षिप्त परिचय: घड़ी – कई प्रकार में आती हैं – छोटी भी और बड़ी भी। पर घड़ी जो बताती है वो सब में बड़ा है। ऐसे ही घड़ी की अहमियत समझाती हुई ‘उम्मेद सिंह सोलंकी “आदित्य”‘ की यह कविता ‘खामोश घड़ी’।

क्या खामोश घड़ी है
पल पल दूर खड़ी है।
बिछ जाये नैनों मे तेरे
ये तो अपनो से बड़ी है।

क्या हम से है क्या तुमसे है
ये तो दिवारों की फुलझड़ी है।

डगमग डगमग चलती है
पगपग पगपग फिरती है,
एक अहसाय पग अड़ी है।

क्यों? हम समय को कोसते हैं
क्यों? हम तन्मय को नोंचते हैं।

ये तो “आदित्य” से भी लड़ी है
ये तो साहित्य से भी बड़ी है ।।

उम्मेद सिंह सोलंकी “आदित्य”


कैसी लगी आपको घड़ी पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
इस हिंदी कविता के लेखक उम्मेद सिंह सोलंकी “आदित्य” के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए उम्मेद सिंह सोलंकी “आदित्य” की एक और कविता:

  • कोहिनूर: बचपन हमारे सम्पूर्ण जीवन का आधार बनता है। बचपन की कई सारी बातें हम अपने साथ हमेशा रखते हैं। और ऐसे ही होते हैं बचपन के दोस्त। बस कुछ ऐसा ही कह रहे हैं उम्मेद सिंह सोलंकी “आदित्य” अपनी हिंदी कविता “कोहिनूर” में ।

पढ़िए जीवन का पाठ पढ़ाती और कविताएँ:

  • सुनो क्या कहती हैं बेटियां: भारत की बेटियां सुरक्षित हैं? और अगर नहीं तो क्यों? हम क्या कर सकते हैं उन्हें सुरक्षित करने के लिए? क्या हम जो करते आए हैं वो सही है? ऐसे ही सवालों का जवाब देती कवयित्री रानी कुशवाह की यह हिंदी में कविता ‘सुनो क्या कहती हैं बेटियां’।
  • पुरुष का मौन: जहाँ आज सब स्त्री पर हो रहे अत्याचारों को ध्यान में रखते हुए उन पर कविताएँ लिख रहे हैं, जो कि समय की माँग भी है वहीं एक ऐसी कविता की भी ज़रूरत है जो पुरुष के समाज में योगदान पर भी प्रकाश डाले। ऐसी ही एक कविता है ‘पुरुष का मौन’ जिसे लिखा है उषा रानी ने।
  • स्वार्थी संसार: इस कविता में कवि बता रहे हैं कि कैसे दुनिया में सभी स्वार्थी हैं और सब के हित के लिए यह संसार क्या कर सकता है। पढ़िए यह हिन्दी में कविता।
  • भाईचारा: यह कविता आपस में भाईचारे की भावना का महत्व समझाती है।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


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