घटस्थापना का पावन दिन | माँ दुर्गा पर कविता

उपकार सारांश की रचना | Hindi Poem written by Upkar Saransh

घटस्थापना का पावन दिन | माँ दुर्गा पर कविता | उपकार सारांश की रचना | Hindi Poem written by Upkar Saransh

संक्षिप्त परिचय: कवि उपकार सारांश की यह कविता माँ दुर्गा पर है। यह कविता माता दुर्गा और उनके अनेक रूपों का गुणगान करती है।

घटस्थापना का पावन दिन
नव दुर्गा माँ अंबे शोभित
सजे धजे मनमोहक मंदिर
हरि कीर्तन अति हर्षित

नौ दिन नव रुप
माँ दुर्गा की ज्योति
घर घर रोशन हो गए
भवानी मेरी जन्मदात्री

अन धन बरसे माँ की छाया
नव दुर्गा वात्सल्य की धारा
दुखों को माँ दूर करो तुम
नारी शक्ति नव दुर्गा जयकारा

असुरों का तुम संहार करो
माँ दुर्गा काली बन जाओ
तुम्हारे चरणों की धूलि मस्तक
नव दुर्गा मेरी ममता बन जाओ |


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इस हिन्दी कविता के लेखक उपकार सारांश के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।

पढ़िए कवि उपकार सारांश की और कविताएँ यहाँ:

  • अजीब सी रात: यह हिन्दी कविता एक महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डालती है – मानसिक स्वास्थ्य पर। हम सब मिल कर कैसे किसी की ऐसे में सहायता कर सकते हैं आइए जानते हैं इस कविता में।

पढ़िए नारी शक्ति पर कविताएँ:

  • अब तो कुछ करना होगा:  यह कविता ‘अब तो कुछ करना होगा’ नारी पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज़ उठाती हुई, नारी को सशक्तिकरण की माँग करती हुई कविता है। 
  • हाँ मैं बदल गई हूँ: आज के समाज में जहां एक तरफ़ स्त्री को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है वहीं समाज का एक हिस्सा उसे वांछित सम्मान दे पाने में भी असक्षम है। यह कविता एक स्त्री के हृदय की आवाज़ है उसी समाज के लिए।
  • शिव शक्ति: कवियत्री आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
  • खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी: यह कविता लिखी है सुभद्रा कुमारी चौहान ने। यह एक सुप्रसिद्ध कविता झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई पर।

नारी पर ही कुछ कहानियाँ:

  • भग्नावशेष: यह कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान के कहानी संग्रह ‘बिखरे मोती’ की एक कहानी है। क्यों एक प्रतिभा से भरी युवती, दस साल बाद बस एक भग्नावशेष प्रतीत हुई लेखक को? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी।
  • बड़े घर की बेटी : आनंदी एक बड़े घर की बेटी है परंतु जहां उसका विवाह होता है वह घर उसके मायके जैसा नहीं होता। वह घर के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती है बिना किसी शिकायत के पर एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सहन नहीं कर पाती। ऐसा क्या होता है और तब वह क्या करती है? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘ बड़े घर की बेटी ‘।
  • लिली: लिली एक लघु प्रेम कथा है उस समय पर आधारित जब अंतर्जातिय विवाह नहीं हुआ करते थे। खूब पढ़ लेने के बावजूद भी पद्मा के पिता की सोच जातिवाद तक ही सीमित रहती है । उनकी जातिवादी सोच और पद्मा की आधुनिक सोच उन दोनों से क्या करवाती है – जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी – लिली, जिसके लेखक हैं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ।

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घटस्थापना का पावन दिन | माँ दुर्गा पर कविता

उपकार सारांश की रचना | Hindi Poem written by Upkar Saransh

    1. आपकी कविताएँ storiesdilse.in पर साझा करने के लिए धन्यवाद उपकार जी 🙂

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