रानी कुशवाह | Rani Kushwah

रानी कुशवाह | Rani Kushwah

रानी कुशवाह कहानियाँ और कविताएँ लिखती हैं। वे भारत में मध्य प्रदेश के एक शहर भोपाल के एक ज़िले बेरसिया की रहने वाली हैं। उनकी दो कविताएँ साहित्य-ए-गुलशन पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने एम.ए. इंग्लिश लिटरेचर में किया हुआ है। वे एक माध्यमिक विद्यालय में गेस्ट टीचर हैं और एक समाज सेवक भी हैं।

पढ़िए उनकी कविताएँ:

  • सुनो क्या कहती हैं बेटियां: भारत की बेटियां सुरक्षित हैं? और अगर नहीं तो क्यों? हम क्या कर सकते हैं उन्हें सुरक्षित करने के लिए? क्या हम जो करते आए हैं वो सही है? ऐसे ही सवालों का जवाब देती कवयित्री रानी कुशवाह की यह हिंदी में कविता ‘सुनो क्या कहती हैं बेटियां’।
  • बेटियाँ: रानी कुशवाह की यह कविता ‘बेटियों पर है। अपनी कविता के माध्यम से वे बेटियों का महत्व तो समझा ही रही हैं साथ ही रूढ़ीवादी सोच की वजह से उन की हो रही स्थिति पर भी प्रकाश डाल रही हैं।
  • हम बेटियाँ हिंदुस्तान की: रानी कुशवाह की यह कविता हिंदुस्तान में हो रहे नारी पर अत्याचार और उसकी वजह से पैदा हो रही कठिनाइयों पर प्रकाश डालती है।

पढ़िए उनकी कहानी:

  • कुदरती खूबसूरती:  कुदरत ने हम सब को एक जैसा बनाया, पर इंसान ने उस कुदरत पर पाबंदियाँ लगा दीं, सरहदें बना दिन। पर आज भी कुछ लोग हैं जिनकी इंसानियत इन सरहदों और पाबंदियों के ऊपर हैं। पढ़िए कुछ ऐसे ही लोगों पर यह कहानी।

 1,290 total views

Share on:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *