साथ | एक प्रेम कहानी

भावना सविता की कहानी | A Short Story in Hindi written by Bhawna Savita

साथ | एक प्रेम कहानी | भावना सविता की कहानी | A Short Story in Hindi written by Bhavna Savita

संक्षिप्त परिचय: लेखिका भावना सविता द्वारा लिखी गयी यह कहानी एक अनूठी प्रेम कहानी है जो आप को सच्चे प्रेम पर फिर से विश्वास दिल देगी।

बाबा का पार्थिव शरीर घर में रखा हुआ था। तीन बहुओं – बेटों, नाती-पोतों से घिरी अम्मा बाबा के पास ही बैठी थी।
वो रोती और फिर चुप हो जाती और फिर बाबा को हिलाते हुए कहती की “मोए अकेलो काये छोड़ गए, मोऐ भी ले जाते… तुमाए बिन जे जीवन कैसे कटेगो” कहते-कहते अम्मा फिर रोने लगती।

दिन बीते पूरा परिवार अपने-अपने में व्यस्त हो गया पर अम्मा पहले सी अम्मा ना रही। अब बस वो भगवान से बाबा के पास जाने की दुआ करती, घर के बच्चों ने उन्हें कई बार खुद से बातें करते सुना तो बस यही कहती की बाबा आये थे वो कह रहे थे कि “बस कुछ दिन और तोये साथ ले चलूंगा , तू बस बिट्टू का ब्याह निपट जान दे। अब मैं ना रहा तो अम्मा बाबा में से कोई एक तो रहना चाहिए ना पोती को आशीर्वाद देने को।”

बाबा की वर्षी के चार दिन पहले बिट्टू की शादी का मुहूर्त निकला। अम्मा की जिद पर शादी उसी दिन रखी गयी। शादी धूमधाम से संपन्न हुई। विदा में अम्मा अपनी प्यारी पोती से लिपट ऐसे रोयी कि वो आख़िरी बार उसे देख रही हो ,हंसी-ख़ुशी बिट्टू अपनी ससुराल विदा हुई।

शामियाने से घर लौटते वक्त अम्मा अपनी बहू को बता रही थी कि, “आज बिट्टू की विदाई के बाद जे फिर आये थे मेरे पास, कह रहे थे कि बस पूज लिए पैर बिट्टू के, अब चलो साथ….!” बातों-बातों में घर भी आ गया। सब गाड़ी से नीचे उतरे। आखिर में अम्मा भी उतरी और बस थोड़ा सा पैर फिसला और अम्मा जमीं पर गिर गयी।

अम्मा को उठा कर अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने कहा कंधे की हड्डी में फ्रैक्चर है ओपरेट करना होगा, ठीक हो जायेगा। तुरंत ऑपरेशन किया गया। अम्मा सकुशल ओ.टी. से बाहर भी आ गयी, अम्मा को वार्ड में शिफ्ट किया गया। अम्मा रात भर से ठीक थी, सुबह चार बजे अम्मा की तबीयत अचानक खराब हुई और अम्मा चल बसी।

घरवाले दुःखी थे कि सर्जरी भी ठीक से हो गयी, अम्मा भी बिलकुल ठीक थी, फिर ऐसा क्या हुआ की अचानक अम्मा चली गयी। तभी किसी को याद आया कि ठीक आज ही की तारीख आज ही के दिन इसी वक्त बाबा भी तो हम सब को छोड़कर चले गए थे…..?

अम्मा के पार्थिव शरीर को वार्ड से बाहर लाया गया, उनके चेहरे पर वो मुस्कान थी जो साल भर से किसी ने ना देखी थी। अम्मा खुश थी बाबा का साथ पाकर, वो खुश थी सबसे दूर जाकर…..!


कैसी लगी आपको यह अनूठी प्रेम कहानी? कॉमेंट में ज़रूर बताएँ और लेखिका को भी प्रोत्साहित करें।

लेखिका भावना सविता के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें यहाँ


पढ़िए और प्रेम कहानियाँ:

  • बुद्धु का काँटा: बुद्धु का काँटा, चन्द्रधर शर्मा गुलेरी जी द्वारा लिखी गयी एक नटखट प्रेम कहानी है जो आपको ले जाएगी पुराने समय में।साथ ही आपका दिल भी गुदगुदा देगी।
  • लिली: लिली एक लघु प्रेम कथा है उस समय पर आधारित जब अंतर्जातिय विवाह नहीं हुआ करते थे। खूब पढ़ लेने के बावजूद भी पद्मा के पिता की सोच जातिवाद तक ही सीमित रहती है । उनकी जातिवादी सोच और पद्मा की आधुनिक सोच उन दोनों से क्या करवाती है – जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी – लिली, जिसके लेखक हैं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ।
  • नीलकंठ – मोर: एक मोर के सरल स्वभाव की और उसकी अपनी भावनाओं की कहानी। ऐसा क्या हुआ कि वो मोर अपनी साथी मोरनी को छोड़ कर जाने लगा? क्यों सब का ध्यान रखने वाला नीलकंठ उदासीन हो गया? पढ़िए महादेवी वर्मा की कहानी “नीलकंठ मोर” में।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: Shrey Khurana

 1,628 total views

Share on:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *