संक्षिप्त परिचय: अनिल पटेल जी की यह कविता बेटी पर है। जो घर का महत्वपूर्ण अंश हो कर भी एक कुप्रथा से आज भी जूझती है।
वो पिता के घट की अंश थी,
निकेतन में सबसे छोटी थी ।
पर बातों में सबसे बड़ी थी,
वो बेटी पिता के घर की इज्ज़त थी।।
वो कन्यादान की पात्र थी,
माता पिता की असली पूँजी थी ।
वो बेटी पराए घर की इज्ज़त थी ,
कदाचित इसीलिए दहेज पाने की कुंजी थी ।।
लक्ष्मी और दुर्गा का स्वरूप थी ,
पत्नी माँ और बहन का रूप थी ।
वो इस बात से अभी अनभिज्ञ थी ,
वो समाज में दहेज प्रथा की शिकार थी ।।
वो रक्षाबंधन का पर्व थी,
सभ्य समाज की असली पहचान थी ।
वो लोगो के लिए धन पाने की लालसा थी ,
वो बेटी दहेज प्रथा की शिकार थी ।।
वो एक दीप के समान थी,
समाज को प्रज्ज्वलित करने की उसमें शक्ति थी ।
स्वभाव में वह लड़की के समान थी ,
इसीलिए वो बेटी दहेज प्रथा की शिकार थी ।।
कैसी लगी आपको पर यह ‘बेटी’ कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
इस हिंदी कविता के लेखक ‘अनिल पटेल’ के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए अनिल पटेल जी की अन्य कविताऐं:
- साहित्य की बिंदी: कवि अनिल पटेल की यह सुंदर कविता, हिंदी भाषा पर है। यह कविता हिंदी के गुणों की व्याख्या करते हुए हिंदी पढ़ने की प्रेरणा देती है।
- हृदय वेदना: अनिल पटेल जी की यह हिंदी कविता विरह वेदना पर है। वे इस कविता में नायक और नायिका के बीच में विरह की वेदना की व्याख्या कर रहे हैं।
- गुरु की महिमा: हिंदी में यह कविता गुरु पर है और इसे लिखा है अनिल पटेल जी ने। इस कविता में कवि ने अपने गुरु श्री गोपाल कृष्ण शर्मा की उनके जीवन मे महत्ता बताते हुए गुरु के श्री चरणों मे निवास करने की प्रार्थना की है ।
- चिंता का चिंतन: इस प्रेरणादायक कविता में कवि वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा दे रहे हैं क्योंकि हमारा भविष्य हमारे वर्तमान पर ही निर्भर करता है ।
पढ़िए बेटी पर और कविता यहाँ:
- मेरी बेटी: बेटी दिवस पर प्रकाशित प्रमिला ‘किरण’ की यह कविता एक माँ की दृष्टि से बेटी के लिए प्रेम और ममता पूर्ण भावनाओं का खूबसूरत चित्रण है।
- हमारी बेटियाँ: यह कविता, बड़े ही सरल शब्दों में हमारे जीवन में बेटियों के महत्व को उजागर करती है।
- बड़े घर की बेटी: आनंदी एक बड़े घर की बेटी है परंतु जहां उसका विवाह होता है वह घर उसके मायके जैसा नहीं होता। वह घर के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती है बिना किसी शिकायत के पर एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सहन नहीं कर पाती। ऐसा क्या होता है और तब वह क्या करती है? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘ बड़े घर की बेटी ‘ ।
अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/
PC: Loren Joseph & Sharon McCutcheon
1,043 total views