मेरा जन्म 2002 में राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले में एक छोटे से गांव डोली में हुआ ।
अपने ही गांव डोली के एक सरकारी विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। मेरे पिता का नाम श्री सोनाराम है । मेरे जीवन आदर्श मेरे गुरु श्री गोपाल कृष्ण शर्मा है जिन्होंने मुझे शब्दो की गहराई से जोड़ते हुए हिंदी की ओर अग्रसर किया ।
कविताएं:- हृदय वेदना , वह हिंदी है , बापू चले परमधाम , प्रकृति , बेटी , बचपन , दर्द-ए-मोहब्बत , गुरु की महिमा , जीत है जुनून , हम फिर नई शुरुआत करेंगे , मजदूर हूँ मै , अतीत की झलक , इन्दोरी राहत देख चला , चिंता का चिंतन , पिता , दृष्टिहीन मानवता , क़लम की धार , साहित्यकार , दर्द की अभिव्यक्ति , प्रेम
निबन्ध:- हिंदी मेरा गौरव , लक्ष्य , दान , शिक्षा , राष्ट्र भाषा हिंदी या अंग्रेजी
कहानी :- अदृश्य प्रेम
लेखन कला के आरंभिक चरणों मे मैने सामाजिक विषयों पर लिखने का प्रयास किया । उसके पश्चात श्रृंगार रस की कविताओं और कहानियों में प्रेम की वास्तविक अभिव्यक्ति दी । हिंदी कविताओं के अतिरिक्त उर्दू शायरियों पर भी मैने अपनी क़लम चलाई ।
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पढ़िए उनकी कविताऐं :
- साहित्य की बिंदी : कवि अनिल पटेल की यह सुंदर कविता, हिंदी भाषा पर है। यह कविता हिंदी के गुणों की व्याख्या करते हुए हिंदी पढ़ने की प्रेरणा देती है।
- हृदय वेदना: अनिल पटेल जी की यह हिंदी कविता विरह वेदना पर है। वे इस कविता में नायक और नायिका के बीच में विरह की वेदना की व्याख्या कर रहे हैं।
- गुरु की महिमा: हिंदी में यह कविता गुरु पर है और इसे लिखा है अनिल पटेल जी ने। इस कविता में कवि ने अपने गुरु श्री गोपाल कृष्ण शर्मा की उनके जीवन मे महत्ता बताते हुए गुरु के श्री चरणों मे निवास करने की प्रार्थना की है ।
- चिंता का चिंतन: इस प्रेरणादायक कविता में कवि वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा दे रहे हैं क्योंकि हमारा भविष्य हमारे वर्तमान पर ही निर्भर करता है ।
- बेटी : अनिल पटेल जी की यह कविता बेटी पर है। जो घर का महत्वपूर्ण अंश हो कर भी एक कुप्रथा से आज भी जूझती है।
पढ़िए उनकी कहानी:
- अदृश्य प्रेम : आर्य चंद्र अपनी पुरानी प्रेमिका इंदुमती को याद कर रहे हैं, पर क्या हुआ था उनके बीच? क्यों कर रहे हैं वो इंदुमती को याद? जानने के लिए पढ़िए अनिल पटेल जी की कहानी ‘अदृश्य प्रेम’।
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