बेटी दिवस 2020 में यह दिन 27 सितंबर, रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की एक वजह बेटियों से जुड़ी भ्रांतियों को हटाना भी है।
कई देश हैं जहां बेटी का होना शुभ नहीं माना जाता। उनके होने पर हर्षोल्लास नहीं होता। उन्हें अपना नहीं समझा जाता।
इस दिवस को मना कर हम उन भ्रांतियों के नष्ट होने की कामना करते हैं। हमारी यही आशा है कि जहां भी बेटी हो उसे उतना ही प्यार और सम्मान मिले जिसकी वो हक़दार है।
इसी दिवस पर विशेष, दिल को छू लेने वाली कुछ रचनाएँ:
- मेरी बेटी: बेटी दिवस पर प्रकाशित प्रमिला ‘किरण’ की यह कविता एक माँ की दृष्टि से बेटी के लिए प्रेम और ममता पूर्ण भावनाओं का खूबसूरत चित्रण है।
- हमारी बेटियाँ: यह कविता, बड़े ही सरल शब्दों में हमारे जीवन में बेटियों के महत्व को उजागर करती है।
- बड़े घर की बेटी: आनंदी एक बड़े घर की बेटी है परंतु जहां उसका विवाह होता है वह घर उसके मायके जैसा नहीं होता। वह घर के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती है बिना किसी शिकायत के पर एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सहन नहीं कर पाती। ऐसा क्या होता है और तब वह क्या करती है? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘ बड़े घर की बेटी ‘ ।
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