महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएँ और उनके लिंक

महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएं और उनके लिंक

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान लेखिकाओं में से हैं। उन्होंने कविताएँ एवं गद्य दोनों से ही अपने पाठकों के दिलों को छूआ है। महादेवी वर्मा की रचनाएँ ‘नीरजा’, ‘सांध्यगीत’ और ‘दीपशिखा’ प्रमुख मानी जाती हैं, ये तीनों ही कविता संग्रह हैं। 


महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएँ जिन्हें आप amazon.in पर पढ़ सकते हैं

  • नीरजा | Nirja (Hindi): नीरजा महादेवी वर्मा का तीसरा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1934 में हुआ। इसमें 1932 से 1934 तक की रचनाएँ हैं। कवयित्री सुख-दु:ख में समन्वय स्थापित करती हुई पीड़ा एवं वेदना में आनन्द की अनुभूति करती है।
  • सांध्यगीत | Sandhyageet (Hindi): सांध्यगीत महादेवी वर्मा का चौथा कविता संग्रह हैं। इसमें 1934 से 1936 ई० तक के रचित गीत हैं। 1936 में प्रकाशित इस कविता संग्रह के गीतों में नीरजा के भावों का परिपक्व रूप मिलता है। यहाँ न केवल सुख-दुख का बल्कि आँसू और वेदना, मिलन और विरह, आशा और निराशा एवं बन्धन-मुक्ति आदि का समन्वय है।
  • दीपशिखा | Deepshikha (Hindi): दीपशिखा महादेवी वर्मा जी का का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन १९४२ में हुआ। इसमें १९३६ से १९४२ ई० तक के गीत हैं।
  • आत्मिका | Aatmika (Hindi Edition): यह पुस्तक महादेवी वर्मा द्वारा रचित  कविताओँ का संग्रह है।आत्मिका में संगृहीत कविताओं के बारे में स्वयं महादेवीजी ने यह स्वीकार किया है कि इसमें उनकी ऐसी रचनाएं संग्रहीत हैं जो उन की जीवन-दृष्टि, दर्शन, सौन्दर्य-बोध और काव्य-दृष्टि का परिचय दे सकेंगी।पुस्तक की भूमिका अत्यंत रोचक है जिसमें उन्होंने अपने बौद्ध भिक्षुणी बनने के विषय पर स्पष्टीकरण भी किया है।
  • यामा | Yama (Hindi): यामा एक कविता-संग्रह है जिसकी रचायिता महादेवी वर्मा जी हैं। इसमें उनके चार कविता संग्रह नीहार, नीरजा, रश्मि और सांध्यगीत संकलित किए गए हैं।
  • नीलांबरा | Neelambra (Hindi Edition): यह पुस्तक महादेवी वर्मा द्वारा रचित  कविताओँ का संग्रह है।
  • अतीत के चलचित्र | ateet Ke Chalchitra (Hindi) : यह पुस्तक एक रेखाचित्र-संग्रह है। इस पुस्तक की कहानियों में महादेवी वर्मा ने अपने संपर्क में आए साधारण जन की विशेषताओं के साथ-साथ उनके जीवन-संघर्ष का चित्रण किया है।
  • स्मृति की रेखाएँ | Smriti Ki Rekhaye (Hindi): यह पुस्तक एक संस्मरण-संग्रह है। ये संस्मरण भक्तिन, चीनी फेरीवाला, जंग बहादुर, मुन्नू, ठकुरी बाबा, बिबिया, गुंगिया के जीवन के सच को कलात्मकता से कथात्मक रूप में प्रस्तुत करते है।
  • पथ के साथी | Path Ke Sathi (Hindi): यह पुस्तक भी एक रेखाचित्र-संग्रह है। इस पुस्तक की कहानियों में महादेवी वर्मा ने अपने समकालीन साहित्यकारों जैसे रवीन्द्रनाथ ठाकुर, मैथिलीशरण गुप्त, सुभद्रा कुमारी चौहान, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के स्मृति चित्र उकेरे हैं ।
  • मेरा परिवार | Mera Pariwar(Hindi) : यह पुस्तक एक संस्मरण-संग्रह है। इस पुस्तक में महादेवी वर्मा ने अपने पालतू पशु-पक्षियों के संस्मरण लिखे हैं। महादेवी वर्मा की अन्य कहानियों की तरह यह संस्मरण भी दिल को छू जाते हैं।
  • शृंखला की कड़ियाँ| Srinkhala Ki Kadiyan (Hindi): शृंखला की कड़ियाँ महादेवी वर्मा के समस्या मूलक निबंधों का संग्रह है। स्त्री-विमर्श इनमें प्रमुख हैं।
  • हिमालय | Himalaya (Hindi): हिमालय महादेवी वर्मा का संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह है।

महादेवी वर्मा द्वारा रचित सभी कविता संग्रह:

  • नीहार: नीहार महादेवी वर्मा का पहला कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1930 में हुआ।
  • रश्मि: रश्मि महादेवी वर्मा का पहला कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1932 में हुआ।
  • नीरजा | Nirja (Hindi): नीरजा महादेवी वर्मा का तीसरा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1934 में हुआ। इसमें 1932 से 1934 तक की रचनाएँ हैं। कवयित्री सुख-दु:ख में समन्वय स्थापित करती हुई पीड़ा एवं वेदना में आनन्द की अनुभूति करती है।
  • सांध्यगीत | Sandhyageet (Hindi): सांध्यगीत महादेवी वर्मा का चौथा कविता संग्रह हैं। इसमें 1934 से 1936 ई० तक के रचित गीत हैं। 1936 में प्रकाशित इस कविता संग्रह के गीतों में नीरजा के भावों का परिपक्व रूप मिलता है। यहाँ न केवल सुख-दुख का बल्कि आँसू और वेदना, मिलन और विरह, आशा और निराशा एवं बन्धन-मुक्ति आदि का समन्वय है।
  • दीपशिखा | Deepshikha (Hindi): दीपशिखा महादेवी वर्मा जी का का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1942 में हुआ। इसमें 1936 से 1942 ई० तक के गीत हैं।
  • सप्तपर्णा: सप्तपर्णा महादेवी वर्मा का छटा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1959 में हुआ।
  • प्रथम आयाम: प्रथम आयाम महादेवी वर्मा का सातवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1974 में हुआ।
  • अग्निरेखा: अग्निरेखा महादेवी वर्मा का आठवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1990 में हुआ।

महादेवी वर्मा के अन्य काव्य संकलन जिन में ऊपर की रचनाओं में से ही चुने हुए गीत संकलित हैं:


महादेवी वर्मा द्वारा रचित सभी गद्य साहित्य 

  1. महादेवी वर्मा के रेखाचित्र:
    अतीत के चलचित्र : यह पुस्तक 1941 में पहली बार प्रकाशित हुई।
    स्मृति की रेखाएं : यह पुस्तक 1943 में पहली बार प्रकाशित हुई।
  2. महादेवी वर्मा के संस्मरण:
    पथ के साथी : यह पुस्तक 1956 में पहली बार प्रकाशित हुई।
    मेरा परिवार : यह पुस्तक 1972 में पहली बार प्रकाशित हुई।
    संस्मरण: यह पुस्तक 1983 में पहली बार प्रकाशित हुई।
  3. महादेवी वर्मा के कुछ चुने हुए भाषणों का संकलन:
    संभाषण: यह संकलन 1974 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
  4. महादेवी वर्मा के निबंध:
    शृंखला की कडि़यां: यह निबंध संकलन 1942 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
    विवेचनात्मक गद्य : यह निबंध संकलन भी 1942 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
    साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध: यह निबंध संकलन 1962 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
    संकल्पिता : यह निबंध संकलन 1969 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
  5. महादेवी वर्मा के ललित निबंध:
    क्षणदा: यह ललित निबंध 1956 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
  6. महादेवी वर्मा के संस्मरण, रेखाचित्र, निबंध संग्रह:
    हिमालय: यह पुस्तक महादेवी वर्मा के संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह है। इस पुस्तक 1963 में पहली बार प्रकाशित हुई।

महादेवी वर्मा द्वारा रचित बाल साहित्य 

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महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएँ – कहानियाँ:

आप महादेवी वर्मा की कहानियाँ storiesdilse.in पर भी पढ़ सकते हैं यहाँ:

  • एक सुंदर और भावपूर्ण कहानी मोर के प्रेम, भावनाओं और परवाह पर – नीलकंठ-मोर ,लेखक – महादेवी वर्मा
  • कितना सहना पड़ता है एक गाय को उस देश में जहाँ उन्हें पूजा भी जाता है, पढ़िये इस कहानी में – गौरा गाय, लेखक – महादेवी वर्मा
  • एक मासूम दिखने वाला ख़रगोश क्यों बन गया झगड़ालू और ग़ुस्सैल? पढ़िए इस कहानी में – दुर्मुख खरगोश ,लेखक – महादेवी वर्मा
  • कैसे एक नादान और जंगली गिलहरी का बच्चा – पालतू और जिगर का टुकड़ा बन गया लेखिका के लिए? पढ़िये इस कहानी में – गिल्लू, लेखक – महादेवी वर्मा
  • आख़िर क्यों निश्चय किया लेखिका ने फिर से हिरण न पालने का? पढ़िए इस बेहद भावपूर्ण, एक हिरणी की अटखेलियों से भरी कहानी में – सोना हिरनी, लेखक – महादेवी वर्मा
  • कहानी एक अनोखे कुत्ते की। जिसने स्नेह दिया सबको। जिस पर विश्वास किया सबने। एक कहानी ऐसे कुत्ते की जिसने निस्वार्थ भाव से बिल्ली चूहे खरगोश पक्षी आदि सब की रक्षा की। – नीलू कुत्ता, लेखक – महादेवी वर्मा
  • एक बच्ची और उसके तीन पालतू जानवर। उनके निःस्वार्थ प्रेम और प्रीति की मासूम कहानी-निक्की, रोज़ी और रानी, लेखक – महादेवी वर्मा
  • बिंदा: यह जीवन हमें कई परिस्थितियाँ दिखाता है, परंतु जीवन में यदि हम कभी परेशान होते हैं तो सबसे पहले याद आती है माँ। क्या हो अगर यह माँ ना हो? और क्या हो अगर यह माँ, माँ जैसी ना हो? महादेवी वर्मा की बहुत ही भावुक कर देने वाली यह कहानी बिंदा।
  • घीसा : महादेवी वर्मा की यह भावपूर्ण कहानी घीस एक नन्हे से विद्यार्थी पर है, जो था तो छोटा पर जिसका दिल बहुत बड़ा था।

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